पंचकल्याणक अर्घ्य
।। भगवान श्री मल्लिनाथ जी ।।

पंचकल्याणक अर्घ्य

गर्भकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं चैत्रशुक्लाप्रतिपदायां श्रीमल्लिनाथतीर्थंकर गर्भकल्याणकाय अघ्र्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

जन्मकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लाएकादश्यां श्रीमल्लिनाथतीर्थंकर जन्मकल्याणकाय अघ्र्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

दीक्षाकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं मार्गशीर्षशुक्लाएकादश्यां श्रीमल्लिनाथतीर्थंकर दीक्षाकल्याणकाय अघ्र्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

केवलज्ञानकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं पौषकृष्णाद्वितीयायां श्रीमल्लिनाथतीर्थंकर केवलज्ञानकल्याणकाय अघ्र्यं निर्वपमीतिस्वाहा।

मोक्षकल्याणक अर्घ्य

ॐ ह्रीं फाल्गुनशुक्लापंचम्यां श्रीमल्लिनाथतीर्थंकर मोक्षकल्याणकाय अघ्र्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

ॐ ह्रीं श्रीमल्लिनाथतीर्थंकर पंचकल्याणकाय पूर्णाघ्र्यं निर्वपामीतिस्वाहा।

शांतयेशांतिधारा, दिव्यपुष्पांजलिः।

जाप्य - ॐ ह्रीं श्रीमल्लिनाथ जिनेन्द्राय नमः।

Bhagwan Shri Mallinath Ji