नोट- केवलज्ञान का अघ्र्य चढ़ाने के बाद निर्वाणकाण्ड पढ़कर पुनः निर्वाण कल्याणक का अघ्र्य पढ़कर निर्वाणलाड़ू चढ़ावें।
नोट- (सायंकाल बही पूजन के समय सरस्वती-लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करके मंगलाष्टक पढ़कर यदि इच्छा हो और समय हो तो विनायक यंत्र का अभिषेक करके, नवदेवता पूजा करके श्री गौतम स्वामी की पूजा करें।)