।। वशीकरण मन्त्र ।।

विधि -108 बार पढ़कर छाती को छींटे देवे।

ऊँ ह्मीं अर्हं नमः। या ऊँ ह्मीं श्रीं अर्हं नमः।
सूर्य मन्त्र का खुलासा

किस काम के लिए 8000 जाप करने से फौरन काम होता है। खास कर कैद वगैरा के मामले में आजमाया हुआ है।

ऊँ ह्मीं अर्ह णमो सव्वोसहिपत्ताणं।
ऊँ ह्मीं अर्हं णमो खिप्पोसहितत्ताणं।

विधि -दोनों में से कोई एक ऋद्धि रोज जपे। सर्वकार्य सिद्ध हो।

ऊँ ह्मीं क्लीं श्रीं ऐं क्रौं ह्मीं णमो अरहंताणं नमः

ऊँ ह्मीं अर्ह णमो अरहंताणं णमो जिण्णणं ह्माँ ह्मीं ह्मूं ह्मां ह्मः

अ-सि-आ-उ-सा अप्रतिचक्रे षट् विष्ट् विचकाय झां झौं स्वाहा।

ऊँ ह्मीं अर्हं णमो चरणणं। ऊँ श्रां श्रीं श्रूं श्रः ठः ठः स्वाहा।

विधि - इस मन्त्र की नित्य 1 माला जपे तो दलाली धनी होवे। धन घना होवे। राजद्वारे जो जावे तो दुश्मन झूठा पड़े, पुत्र की प्राप्ति होवे। बदन में ताकत आवे, विजय हो, परिवार बढ़े, वुद्धि बढ़े, सौभाग्य बढ़े, जहां जावे तहां आदर सम्मान पावे। मूंठ करे तो भी नजीक न आवे, जाप करे जितने बार धूप खेवे, पद्मासन होकर करना। नासाग्र दृष्टि लगाकर जाप करना चाहिए।

शांति मन्त्र

ऊँ णमो अरहंताणं केवलिपण्णात्तो धम्मो सरणं पव्वज्जामि ह्मीं शांति कुरू कुरू स्वाहा। श्रीं अहर््ं नमः।

1 बिजौरा अथवा नारियल 108 बार इस मन्त्र से मन्त्रकर बहत्तर दिनों तक वन्ध्या को खिलावे तो पुत्र हो।

2 नये कपड़े मन्त्र से मन्त्र कर रोगी को उढ़ावे तो दोपज्वर जाय।

ऊँ सिद्धेभ्यो बुद्धेभ्यो सिद्धिदायकेभ्यों नमः।

विधि -जाप 108 अष्टमी चतुर्दशी को पढ़कर धूप देना।

सर्वशांति मन्त्र

ऊँ ह्मां ह्मीं ह्मूं ह्मौं ह्मः अ-सि-आ-उ-सा सर्वशांति तुष्टिं पुष्टिं कुरू कुरू स्वाहा। ऊँ ह्मीं अर्हं नमः। क्लीं सर्वारोग्यं कुरू कुरू स्वाहा।

विधि - 108 बार जाप गुरूवार से आरम्भ करे। पूर्वदिशा को मुख करके बैठै। धूप से प्रारम्भ कर 11000 जाप करें।

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