।। जिनवाणी स्तुति ।।

jain temple283
रचयित्री - आर्यिका चंदनामती

हे सरस्वती माता, अज्ञान दूर कर दो।
जग को देकर साता, विज्ञान पूर भर दो।।

श्रुत का भण्डडार भरा, तेरे ज्ञान की गंगा में।
जन मन श्रृंगार करा, गुरूवर मुनि चन्दा ने।।
श्रंृगार सहित माता, श्रुत ज्ञान पूर्ण कर दो।
जग को देकर साता, विज्ञान पूर भर दो।।1।।

प्रभुवीर की वाणी सुन, गणधर ने संवारा है।
मुनिगण उस पथ पर चल, निज ज्ञान सुधारा है।।
निज ज्ञान किरण दाता, आलोक ज्ञान भर दो।
जग को देकर साता, विज्ञान पूर भर दो।।2।।

चंदन चंदा गंगा, तन शीतल कर सकते।
मुक्ता मलाएं भी, नहिं मन को हर सकते।।
‘‘चन्दना’’ सभी जग को, शारद मां का वर दो।
जग को देकर साता, विज्ञान पूर भर दो।।3।।