।। आचार्य परमेष्ठी ।।

प्रश्न 136 - एकत्व विर्तक नामक शुक्ल ध्यान क्या है?

उत्तर - जिसमें अर्थ व्यंजन आदि का संक्रमण न हो जो एक रूप से ही स्थित हो उसे एकत्व विर्तक नामक दूसरा शुक्ल ध्यान कहते हैं।

प्रश्न 137 - सूक्ष्म क्रिया प्रतिप्राती शुक्लध्यान किसे कहते हैं?

उत्तर - जब केवली भगवान की आयु अन्तर्महूत मात्र शेष रह जाती है तब उनके ....हर मनोवचन योग सूक्ष्म होकर बाहर काय योग भी सूक्ष्म हो जाता है तथा सूक्ष्म बचन मनोयोग का निग्रह करके सूक्ष्म एक काय योग में .... हो जाते हैं उनका वह ध्यान सूक्ष्म क्रियाप्रतिपाति कहलाता है।

प्रश्न 138 - व्युत्परत क्रिया निवृत्ति शुक्ल ध्यान किसे कहते हैं?

उत्तर - सूक्ष्य काय योग से रहित होते हुए केवली जब चैदहवें गुण स्थान में अयोगी होते हैं तब उपान्त्य समय में चैथा व्युत्परत क्रिया निवृत्ति नामका शुक्ल ध्यान प्रकट होता है जिसमें 72 प्रकृतियों का नाश होकर अंतिम समय मे तेरह प्रकृतियों का विलय हो जाता है तब वह शुक्ल ध्यान व्युत्परत क्रिया निवृत्ति नाम का चैथा शुक्ल ध्यान होता है।

प्रश्न 139 - यहां आर्त रौद्र ध्यान का वर्णन क्यों किया गया है?

उत्तर - यह सत्य है आर्त रौद्र ध्यान आचार्य परमेष्ठी के लक्षण में नहीं है फिर भी प्रकरणवश ही यहां आर्त रौद्र ध्यान के लक्षणों को कहा गया है।

प्रश्न 140 - धर्म का क्या लक्षण है?

उत्तर - जो संसार के प्राणियों को दुख रूपी समुद्र से निकाल कर सुख में पहुंचाता है वह धर्म है। वस्तु का स्वभाव धर्म, रत्नत्रय धर्म है। जीवों की रक्षा करना धर्म। उत्तम क्षमा आदि दस धर्म है।

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प्रश्न 141 - दस धर्मों के नाम बताइये।

उत्तर - 1 - उत्तम क्षमा
2 - उत्तम मार्दव
3 - उत्तम आजर्व
4 - उत्तम शौच
5 - उत्तम सत्य
6 - उत्तम संयम
7 - उत्तम तप
8 - उत्तम त्याग
9 - उत्तम आकिंचन्य
10 - उत्तम ब्रह्चर्य।

प्रश्न 142 - उत्तम क्षमा किसे कहते हैं?

उत्तर - आत्मा में क्रोध की उत्पत्ति न होना क्रोध अपमान आदि के निमित्त मिलने पर, दुष्टों के वार होने पर भी संयत रहना उत्तम क्षमा।

प्रश्न 143 - उत्तम मादर्व धर्म किसे कहते हैं?

उत्तर - आत्मा में मान कषाय का न होना मार्दव है। मान, मद, घमण्ड, अभिमान 8 प्रकार का होता है- 1 - ज्ञान
2 - पूजा
3 - कूल
4 - जाति
5 - बल
6 - ऋद्धि
7 - तप एवं
8 - रूप।

प्रश्न 144 - उत्तम आर्जव धर्म किसे कहते हैं?

उत्तर - मन वचन काय की सरलता रखना कुतटलता (मायाचारी) का त्याग करना उत्तम आर्जव धर्म है।

प्रश्न 145 - उत्तम शौच धर्म किसे कहते हैं?

उत्तर - प्रकर्षता को प्राप्त लोभ की निवृप्ति को शौच धर्म कहा गया है। जीवन, इन्द्रिय, आरोग्य एवं उपभोग के भेद से लोभ चार प्रकार है।

प्रश्न 146 - उत्तम सत्य धर्म किसे कहते हैं?

उत्तर - सज्जनों के साथ वचन बोलना उत्तम सत्य है।

प्रश्न 147 - उत्तम संयम किसे कहते है?

उत्तर - जीवों पर दया करना, रक्षा करना तथा अपनी इन्द्रियों को वश में रखना संयम है ये दो प्रकार का है। प्राणी संयम तथा इन्द्रिय संयम।

प्रश्न 148 - प्राणी संयम किसे कहते हैं?

उत्तर - पांच प्रकार के स्थावर तथा त्रसकाय के जीवों की रक्षा करना ही प्राणी संयम कहलाता है।

प्रश्न 149 - इन्द्रिय संयम किसे कहते हैं?

उत्तर - अपनी पांचों इन्द्रियों तथा छठे मन को वश में रखना विषय भोगों में नहीं फसना इन्द्रिय संयम है।

प्रश्न 150 - उत्तम तप किसे कहते हैं?

उत्तर - मोक्ष मार्ग में जो कर्मों का क्षय करने के लिए किया जाता है, जो संवर, निर्जरा, मोक्ष का हेतु है वह तपह ै।

प्रश्न 151 - उत्तम त्याग किसे कहते हैं?

उत्तर - चैबीस प्रकार के परिग्रह की निवृत्ति को उत्तम त्याग कहा गया है।

प्रश्न 152 - उत्तम आकिंचन्य किसे कहते हैं?

उत्तर - आत्मा में, संसार का कोई पदार्था , मेरा नहीं है इस प्रकार ममत्व परिणाम से रहित होना उत्तम आकिंचन्य है।

प्रश्न 153 - उत्तम ब्रह्मचर्य क्या है?

उत्तर - रमण भाव का त्याग करना तथा ब्रह्म स्वरूपी, परमात्मा स्वरूपी आत्मा में ही चर्या करना उत्तम ब्रह्मचर्य है।

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